सोशल मीडिया और कानूनी दाव पेच
क्या सोशल मीडिया पोस्ट को ‘लाइक’ करना अपराध है? आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। हम हर दिन अनगिनत पोस्ट देखते हैं, पढ़ते हैं और उनमें से कई पर बिना ज़्यादा सोचे ‘लाइक’ भी कर देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किसी पोस्ट को ‘लाइक’ करना भी आपको कानूनी मुश्किल में डाल सकता है? क्या वास्तव में सोशल मीडिया पर किसी कंटेंट को ‘लाइक’ करना अपराध माना जा सकता है? आइए इस सवाल को गहराई से समझते हैं। ‘लाइक’ करने का कानूनी पहलू भारतीय कानून के तहत अब तक ‘लाइक’ करने को सीधे अपराध घोषित नहीं किया गया है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति ऐसा कंटेंट ‘लाइक’ करता है जो: • अश्लील, • मानहानि करने वाला, • हिंसा भड़काने वाला, • या देशद्रोह से संबंधित हो, तो उस व्यक्ति के खिलाफ जांच की जा सकती है, यह मानते हुए कि वह उस विचार या संदेश का समर्थन कर रहा है। आईटी एक्ट, 2000 (Information Technology Act, 2000) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की कुछ धाराएं इस तरह के मामलों में लागू हो सकती हैं, खासकर यदि ‘लाइक’ करने की वजह से किसी विशेष व्यक्ति, समुदाय या सरकार के खिलाफ नफरत फैलती है या किसी को वास्तविक नुकसान पहुँचता है। कुछ प्रमुख उदाहरण भारत और विदेशों में ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां लोगों को सोशल मीडिया पर एक्टिविटी (पोस्ट, कमेंट, शेयर, या लाइक) के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। उदाहरण के तौर पर: • किसी आपत्तिजनक पोस्ट को सपोर्ट करने पर पुलिस द्वारा नोटिस भेजा गया। • फेसबुक या ट्विटर पर संवेदनशील मुद्दों से जुड़ी पोस्ट को ‘लाइक’ करने पर कानूनी कार्रवाई हुई। हालांकि हर ‘लाइक’ पर मामला नहीं बनता, पर यदि पोस्ट संवेदनशील है और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का खतरा है, तो आपके ‘लाइक’ को एक तरह का समर्थन या सहमति के रूप में देखा जा सकता है। क्या सिर्फ ‘लाइक’ करना ही काफी है? कानून की दृष्टि से किसी के खिलाफ कार्रवाई तभी उचित मानी जाएगी जब: • ‘लाइक’ करने के साथ आप किसी आपत्तिजनक टिप्पणी या साझा (share) भी कर रहे हों, • या आपका इरादा उस पोस्ट के आपत्तिजनक हिस्से को बढ़ावा देना हो। महज किसी पोस्ट को चुपचाप ‘लाइक’ करना बिना किसी अन्य गतिविधि के बहुत कम मामलों में कानूनी कार्रवाई का आधार बनता है। लेकिन फिर भी, अगर पोस्ट गंभीर रूप से संवेदनशील या अवैध है, तो लाइक करने पर संदेह किया जा सकता है। जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनें सोशल मीडिया पर आपकी हर गतिविधि – चाहे वह एक साधारण ‘लाइक’ ही क्यों न हो – आपके विचारों और प्राथमिकताओं को दर्शा सकती है। इसलिए: • किसी भी पोस्ट को ‘लाइक’ करने से पहले उसके कंटेंट को समझें, • आपत्तिजनक, नफरत फैलाने वाली या गैरकानूनी सामग्री से दूर रहें, • यदि कोई पोस्ट विवादास्पद लगती है, तो उसे लाइक करने से बचें। निष्कर्ष ‘लाइक’ करना आमतौर पर अपराध नहीं है, लेकिन अगर आप किसी गैरकानूनी या आपत्तिजनक पोस्ट को सपोर्ट करते दिखते हैं, तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव है। सोशल मीडिया पर आज़ादी के साथ-साथ ज़िम्मेदारी भी आती है। इसलिए सोच-समझकर हर क्लिक करें, ताकि आप अनजाने में किसी मुसीबत में न फँस जाएं।
Advocate Manish
4/24/20251 मिनट पढ़ें


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